अमीरजादों पे नहीं मिला

ऐ दिल ले आ कहीं से, मुठ्ठी भर प्यार मुझे माना नहीं धूप सा सस्ता, दिल के दाम पे तो मिलेगा ...

अमीरजादों पे नहीं मिला, शख्स-ए-आम पे तो मिलेगा
गरीब हैं शाह जिस सुकून से, वो आवाम पे तो मिलेगा
ऐ दिल ले आ कहीं से, मुठ्ठी भर प्यार मुझे
माना नहीं धूप सा सस्ता, दिल के दाम पे तो मिलेगा
दिल देकर भी मिला ना, जो कहीं चैन हमें
गम-ए-मयखाने में, आंसुओं के दाम पे तो मिलेगा
ना नींद खोकर पाया, ना अश्क बहाकर अगर मिला
वफ़ा ना सही”सपना”, उसकी बेवफाई के नाम पे तो मिलेगा

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