मेंहदी हसन

शोला था जल-बुझा हूँ, हवायें मुझे न दो

शोला था जल-बुझा हूँ, हवायें मुझे न दो

जो ज़हर पी चुका हूँ तुम्हीं ने मुझे दिया अब तुम तो ज़िन्दगी की दुआयें मुझे न दो ...

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें

अब न वो मैं हूँ न तू है न वो माज़ी है "फ़राज़" जैसे दो शख़्स तमन्ना के सराबों में मिलें

रंजिश ही सही

रंजिश ही सही

रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ...

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तुम और मैं

तुम तुंग - हिमालय - श्रृंग और मैं चंचल-गति सुर-सरिता ...

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तुम हमारे हो

नहीं मालूम क्यों यहाँ आया ठोकरें खाते हु‌ए दिन बीते। उठा तो पर न सँभलने पाया गिरा व रह गया आँसू पीते ...

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लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो

लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो, भरा दौंगरा उन्ही पर गिरा ...

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स्नेह-निर्झर बह गया है

स्नेह-निर्झर बह गया है ! रेत ज्यों तन रह गया है ...

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गहन है यह अंधकारा

गहन है यह अंधकारा; स्वार्थ के अवगुंठनों से हुआ है लुंठन हमारा ...

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