बेटी

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काहे को ब्याहे बिदेस

  काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस    भैया को दियो बाबुल महले दो-महले  हमको दियो परदेस  अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस   हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैयाँ    जित हाँके हँक जैहें  अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस    हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ  घर-घर माँगे हैं जैहें  अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस    कोठे तले से पलकिया जो...

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बाबुल तुम बगिया के तरुवर

बाबुल तुम बगिया के तरुवर, हम तरुवर की चिड़ियाँ रे  दाना चुगते उड़ जाएँ हम, पिया मिलन की घड़ियाँ रे  उड़ जाएँ तो लौट न आयें, ज्यों मोती की लडियां रे  बाबुल तुम बगिया के तरुवर ……. आँखों से आँसू निकले तो पीछे तके नहीं मुड़के घर की कन्या बन का पंछी, फिरें न डाली से उड़के  बाजी हारी हुई त्रिया की  जनम -जनम सौगात पिया की  बाबुल तुम गूंगे नैना, हम आँसू की फुलझड़ियाँ रे  उड़ जाएँ तो लौट न आएँ ज्यों मोती की लडियाँ रे  हमको सुध न जनम के पहले ,...

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केशर की, कलि की पिचकारीः पात-पात...

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कहता हूँ¸ ओ मखमल–भोगियो। श्रवण...

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रंज की जब गुफ्तगू होने लगी आप...

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