माँ

फिर क्या होगा उसके बाद

फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक होकर शिशु ने पूछा, "माँ, क्या होगा उसके बाद?"   रवि से उज्जवल, शशि से सुंदर, नव-किसलय दल से कोमलतर ।  वधू तुम्हारी घर आएगी उस विवाह-उत्सव के बाद ।।'   पलभर मुख पर स्मित-रेखा, खेल गई, फिर माँ ने देखा । उत्सुक हो कह उठा, किन्तु वह फिर क्या होगा उसके बाद?'   फिर नभ के नक्षत्र मनोहर  स्वर्ग-लोक से उतर-उतर कर । तेरे शिशु बनने को मेरे  घर लाएँगे उसके बाद ।।'   मेरे नए...

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काहे को ब्याहे बिदेस

  काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस    भैया को दियो बाबुल महले दो-महले  हमको दियो परदेस  अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस   हम तो बाबुल तोरे खूँटे की गैयाँ    जित हाँके हँक जैहें  अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस    हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ  घर-घर माँगे हैं जैहें  अरे, लखिय बाबुल मोरे  काहे को ब्याहे बिदेस    कोठे तले से पलकिया जो...

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माँ कह एक कहानी

"माँ कह एक कहानी।" बेटा समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?" "कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी नानी की बेटी कह माँ कह लेटी ही लेटी, राजा था या रानी? माँ कह एक कहानी।"   "तू है हठी, मानधन मेरे, सुन उपवन में बड़े सवेरे, तात भ्रमण करते थे तेरे, जहाँ सुरभि मनमानी।" "जहाँ सुरभि मनमानी! हाँ माँ यही कहानी।"   वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिमबिंदु झिले थे, हलके झोंके हिले मिले थे, लहराता था पानी।" "लहराता था पानी, हाँ-हाँ...

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खेलूँगी कभी न होली

खेलूँगी कभी न होली उससे जो नहीं...

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सब बुझे दीपक जला लूं घिर रहा तम...

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पत्रोत्कंठित जीवन का विष बुझा हुआ है

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हो कहाँ अग्निधर्मा नवीन ऋषियों

कहता हूँ¸ ओ मखमल–भोगियों। श्रवण...

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धूप सा तन दीप सी मैं

धूप सा तन दीप सी मैं!  उड़ रहा...

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