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बालकृष्ण राव

बालकृष्ण राव (जन्म १९१३, निधन १९७६हिन्दी के कवि एवं संपादक थें। ये हिंदी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद की माध्यम पत्रिका के पहले सम्पादक बने एवं भारत सरकार के आकाशवाणी विभाग में रहकर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किए। इनकी अनेक आलोचनाएँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। १९५३ में कवि भारती के सह सम्पादक रहे।

’कादम्बनी’ के संस्थापक-सम्पादक। हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की पत्रिका ’माध्यम’ के संस्थापक-सम्पादक। फिर ’कवि-भारती’ पत्रिका के सम्पादक रहे। बाद में अमृतराय के साथ मिलकर ’हंस’ का भी सम्पादन किया। केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के अध्यक्ष रहे।

इस लेखक की रचनाएँ

फिर क्या होगा उसके बाद

फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक होकर शिशु ने पूछा, "माँ, क्या होगा उसके बाद?"   रवि से उज्जवल,...

नदी को रास्ता किसने दिखाया?

नदी को रास्ता किसने दिखाया? सिखाया था उसे किसने कि अपनी भावना के वेग को उन्मुक्त बहने दे? ...

सावधान, जन-नायक

सावधान, जन-नायक सावधान। यह स्तुति का साँप तुम्हे डस न ले। बचो इन बढ़ी हुई बांहों से  धृतराष्ट्र...

आज ही होगा

मनाना चाहता है आज ही?  -तो मान ले  त्यौहार का दिन आज ही होगा!   उमंगें यूँ अकारण ही नहीं...

कौन जाने?

झुक रही है भूमि बाईं ओर, फ़िर भी कौन जाने? नियति की आँखें बचाकर, आज धारा दाहिने बह जाए।  ...

गरमियों की शाम

आँधियों ही आँधियों में उड़ गया यह जेठ का जलता हुआ दिन, मुड़ गया किस ओर, कब सूरज सुबह का गदर...

सबसे लोकप्रिय

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हो कहाँ अग्निधर्मा नवीन ऋषियों

कहता हूँ¸ ओ मखमल–भोगियो। श्रवण...

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रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

रंज की जब गुफ्तगू होने लगी आप...

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अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

हमने खोला आलमारी को, बुला रहे हैं...

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भारत महिमा

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे...

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लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो

लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो, ...

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