• होम
  • सपना मांगलिक

सपना मांगलिक

जन्मस्थान –भरतपुर

माता - श्रीमती कमला देवी

पिता -स्वर्गीय जगदीश प्रसाद बंसल

शिक्षा-एम्.ए ,बी .एड (डिप्लोमा एक्सपोर्ट मेनेजमेंट )

संस्थापक –जीवन सारांश समाज सेवा समिति ,शब्द -सारांश ( साहित्य एवं पत्रकारिता को समर्पित संस्था )

प्रकाशित कृति-(तेरह)पापा कब आओगे,नौकी बहू (कहानी संग्रह)सफलता रास्तों से मंजिल तक ,ढाई आखर प्रेम का (प्रेरक गद्ध संग्रह)कमसिन बाला ,कल क्या होगा ,बगावत (काव्य संग्रह )जज्बा-ए-

दिल भाग –प्रथम,द्वितीय ,तृतीय (ग़ज़ल संग्रह)टिमटिम तारे ,गुनगुनाते अक्षर,होटल जंगल ट्रीट (बाल साहित्य)बोन्साई (हाइकु संग्रह )

संपादन –तुम को ना भूल पायेंगे (संस्मरण संग्रह ) स्वर्ण जयंती स्मारिका (समानांतर साहित्य संस्थान),बातें अनकही (कहानी संग्रह )

सम्मान-आगमन साहित्य परिषद् द्वारा दुष्यंत सम्मान ,प्राइड ऑफ़ नेशन द्वारा सीमापुरी टाइम्स ,भारतेंदु समिति कोटा ,एत्मादपुर नगर निगम द्वारा काव्य मंजूषा सम्मान ज्ञानोदय साहित्य संस्था

कर्नाटक द्वारा ज्ञानोदय साहित्य भूषण २०१४ सम्मान , ,अखिल भारतीय गंगा समिति जलगांव द्वारा गंगा गौमुखी एवं गंगा ज्ञानेश्वरी साहित्य गौरव सम्मान , गुगनराम एजुकेशनल ट्रस्ट

(भिवानी,हरियाना )द्वारा पुस्तक टिमटिम तारे एवं कल क्या होगा पुरुस्कृत एवं विर्मो देवी सम्मान से सम्मानित , रुमिनेशन एंड कल्चरल सोशायटी मेरठ द्वारा प्रेरक पुस्तक सफलता रास्तों से मंजिल

तक सम्मानित ,राष्ट्र भाषा स्वाभिमान न्यास (गाज़ियवाद)द्वारा कृति सफलता रास्तों से मंजिल तक पुरुस्कृत ,हिंदी साहित्य सभा आगरा द्वारा शिल्पी शर्मा स्मृति सम्मान ,आगरा महानगर लेखिका मंच

द्वारा महदेवी वर्मा सम्मान ,सामानांतर संस्था द्वारा सर्जना सम्मान ,हेल्थ केयर क्लब आगरा , विभिन्न राजकीय एवं प्रादेशिक मंचों से सम्मानित

इस लेखक की रचनाएँ

अमीरजादों पे नहीं मिला

अमीरजादों पे नहीं मिला, शख्स-ए-आम पे तो मिलेगा गरीब हैं शाह जिस सुकून से, वो आवाम पे तो मिलेगा ऐ...

बहुत हो चुका अब हमें इन्साफ मिलना चाहिए

बहुत हो चुका अब हमें इन्साफ मिलना चाहिए खदेड़कर धुंध स्याह, नभ साफ़ मिलना चाहिए भ्रष्ट तंत्र भ्रष्टाचार,...

सबसे लोकप्रिय

poet-image

हो कहाँ अग्निधर्मा नवीन ऋषियों

कहता हूँ¸ ओ मखमल–भोगियो। श्रवण...

poet-image

रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

रंज की जब गुफ्तगू होने लगी आप...

poet-image

अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी

हमने खोला आलमारी को, बुला रहे हैं...

poet-image

भारत महिमा

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे...

poet-image

लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो

लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो, ...

ad-image