रोने वाला ही गाता है

अरे! प्रकृति का यही नियम है रोदन के पीछे गायन है ...

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गोपालदास "नीरज"

रोने वाला ही गाता है!

 

मधु-विष हैं दोनों जीवन में

दोनों मिलते जीवन-क्रम में

पर विष पाने पर पहले मधु-मूल्य अरे, कुछ बढ़ जाता है।

रोने वाला ही गाता है!

 

प्राणों की वर्त्तिका बनाकर

ओढ़ तिमिर की काली चादर

जलने वाला दीपक ही तो जग का तिमिर मिटा पाता है।

रोने वाला ही गाता है!

 

अरे! प्रकृति का यही नियम है

रोदन के पीछे गायन है

पहले रोया करता है नभ, पीछे इन्द्रधनुष छाता है।

रोने वाला ही गाता है!


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