राजे ने अपनी रखवाली की

राजे ने अपनी रखवाली की; किला बनाकर रहा; बड़ी-बड़ी फ़ौजें रखीं ...

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राजे ने अपनी रखवाली की;

किला बनाकर रहा;

बड़ी-बड़ी फ़ौजें रखीं ।

चापलूस कितने सामन्त आए ।

मतलब की लकड़ी पकड़े हुए ।

कितने ब्राह्मण आए

पोथियों में जनता को बाँधे हुए ।

कवियों ने उसकी बहादुरी के गीत गाए,

लेखकों ने लेख लिखे,

ऐतिहासिकों ने इतिहास के पन्ने भरे,

नाट्य-कलाकारों ने कितने नाटक रचे

रंगमंच पर खेले ।

जनता पर जादू चला राजे के समाज का ।

लोक-नारियों के लिए रानियाँ आदर्श हुईं ।

धर्म का बढ़ावा रहा धोखे से भरा हुआ ।

लोहा बजा धर्म पर, सभ्यता के नाम पर ।

ख़ून की नदी बही ।

आँख-कान मूंदकर जनता ने डुबकियाँ लीं ।

आँख खुली-- राजे ने अपनी रखवाली की ।

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