जो तुम आ जाते एक बार

जो तुम आ जाते एक बार कितनी करूणा कितने संदेश पथ में बिछ जाते बन पराग गाता प्राणों का तार तार ...

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महादेवी वर्मा

जो तुम आ जाते एक बार

 

कितनी करूणा कितने संदेश

पथ में बिछ जाते बन पराग

गाता प्राणों का तार तार

अनुराग भरा उन्माद राग

 

आँसू लेते वे पथ पखार

जो तुम आ जाते एक बार

 

हँस उठते पल में आर्द्र नयन

धुल जाता होठों से विषाद

छा जाता जीवन में बसंत

लुट जाता चिर संचित विराग

 

आँखें देतीं सर्वस्व वार

जो तुम आ जाते एक बार

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