देशभक्ति

पुष्प की अभिलाषा

पुष्प की अभिलाषा

चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ, चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ ...

अमर राष्ट्र

अमर राष्ट्र

हाय, राष्ट्र-मन्दिर में जाकर, तुमने पत्थर का प्रभू खोजा! लगे माँगने जाकर रक्षा और स्वर्ण-रूपे का बोझा ...

हिमाद्रि तुंग शृंग से

हिमाद्रि तुंग शृंग से

असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ विकीर्ण दिव्य दाह-सी सपूत मातृभूमि के- रुको न शूर साहसी ...

हिमालय

हिमालय

क्रांति-महोत्सव के शुभ-साज ...

कैदी और कोकिला

कैदी और कोकिला

काली तू, रजनी भी काली, शासन की करनी भी काली काली लहर कल्पना काली, मेरी काल कोठरी काली, टोपी काली कमली काली, मेरी लोह-श्रृंखला काली, पहरे की हुंकृति की व्याली, तिस पर है गाली, ऐ आली ...

वंदना

वंदना

प्राण का चन्दन तुम्हारे किस चरण तल पर लगाऊँ? ...

हिमालय

हिमालय

खड़ा हिमालय बता रहा है डरो न आँधी पानी में, खड़े रहो अपने पथ पर सब कठिनाई तूफानी में ...

युगावतार गांधी

युगावतार गांधी

हे युग-दृष्टा, हे युग-स्रष्टा, पढ़ते कैसा यह मोक्ष-मंत्र? ...

नवीन कल्पना करो

नवीन कल्पना करो

तन की स्वतंत्रता चरित्र का निखार है मन की स्वतंत्रता विचार की बहार है घर की स्वतंत्रता समाज का सिंगार है पर देश की स्वतंत्रता अमर पुकार है ...

राष्ट्रगीत

राष्ट्रगीत

अमर तिरंगा ध्वज उछालकर नवयुग ने ललकारा है।। भारत-भू ने जन्म दिया है यह सौभाग्य हमारा है ...

सबसे लोकप्रिय

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तुम और मैं

तुम तुंग - हिमालय - श्रृंग और मैं चंचल-गति सुर-सरिता ...

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तुम हमारे हो

नहीं मालूम क्यों यहाँ आया ठोकरें खाते हु‌ए दिन बीते। उठा तो पर न सँभलने पाया गिरा व रह गया आँसू पीते ...

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लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो

लू के झोंकों झुलसे हुए थे जो, भरा दौंगरा उन्ही पर गिरा ...

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स्नेह-निर्झर बह गया है

स्नेह-निर्झर बह गया है ! रेत ज्यों तन रह गया है ...

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गहन है यह अंधकारा

गहन है यह अंधकारा; स्वार्थ के अवगुंठनों से हुआ है लुंठन हमारा ...

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